| 1. | किन्तु हमारे लिये यह शरीर साधन मूल्य रखता है स्वयं साध्य नहीं है।
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| 2. | जिस भी साधन की आवश्यकता होगी वह ही उसका साधन मूल्य होगा, साधन के बिना किसी
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| 3. | इसीलिए मूल्य हैं. लेकिन ये साधन मूल्य हैं, साध्य मूल्य नहीं हैं तो साध्य क्या है? साध्य है धर्म.
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| 4. | वे साधन मूल्य जोड़ने के लिए स्थिर ग्राफिकल प्रस्तावों से परे जाना है कि समाधान की आवश्यकता है.
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| 5. | इन चीजों से धर्म का कोई भी सम्बन्ध नहीं हैं. यहाँ पर परिवेश का, पर्यावरण का, पर्यावरण का सीधा प्रश्न आता है कि येमूल्य साधन मूल्य हैं.
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